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भाज्य संख्या (Composite Number)
ऐसी प्राकृत संख्या जो स्वंय और 1 से विभाजित होने के साथ ही कम से कम किसी एक अन्य संख्या से विभाजित हो उन्हें भाज्य संख्या कहते हैं।
Ex : 4, 6, 8, 9, 10, 12,14,15,16,18,20 ………
भाज्य संख्याएँ कैसे निकालें
जिस संख्या का गुणनखण्ड दो या दो से अधिक हो वे सभी धनात्मक पूर्णाक संख्याएँ भाज्य संख्या कहलाती हैं।
जैसे:-
15 ÷ 1 = 15
15 ÷ 3 = 5
15÷ 5 = 3
15 ÷ 15= 1
15का गुणनखण्ड 15,5,3 और 1 हैं। ये गुणनखण्ड दो से अधिक हैं। अर्थात यह भाज्य संख्याएँ हैं।
भाज्य संख्या के प्रकार
गणितीय संख्याओं में भाज्य संख्या को बनावट एवं उपयोग के आधार पर दो वर्गों में विभाजित किया जाता है।
सम भाज्य संख्याएँ
विषम भाज्य संख्याएँ
सम भाज्य संख्याएँ
ऐसी संख्याएँ जो पूरी तरह 2 से विभाजित हो जाए धनात्मक भाज्य संख्याएँ सम भाज्य संख्याएँ कहलाती है।
जैसे : 4, 6, 10, 16, 25…………
सबसे छोटी सम भाज्य संख्या 4 होती हैं।
विषम भाज्य संख्याएँ
वे सभी विषम धनात्मक पूर्णांक जो अभाज्य संख्या नही है। अर्थात वह भाज्य संख्या जो पूरी तरह 2 से विभक्त न हो उसे विषम भाज्य संख्याएँ कहते है।
जैसे : 9, 15, 21, 25 …………..
सबसे छोटी विषम भाज्य संख्या 9 होती है।
भाज्य संख्या का गुणधर्म
- सबसे छोटी भाज्य संख्या 4 होती है।
- ये संख्याएँ केवल और केवल धनात्मक संख्या होती है।
- भाज्य संख्याएँ, धनात्मक पूर्णांक, पूर्ण, प्राकृत संख्याएँ आदि हो सकती है।
- दो से अधिक गुणनखंड वाले संख्या को ही भाज्य संख्या के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
- भाज्य संख्याएँ विषम और सम हो सकती है।
- कोई भी धनात्मक पूर्णांक संख्याएँ भाज्य या अभाज्य संख्या होती है क्योंकि ये दोनों संख्याएँ एक दूसरे के पूरक होती है।
- 2 भाज्य संख्या नही है।
अभाज्य संख्या की परिभाषा और उदाहरण
ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो सिर्फ स्वंय से और 1 से विभाजित हो और किसी भी अन्य संख्या से विभाजित न हो उन्हें अभाज्य संख्याएँ कहेंगे।
जैसे : 2, 3, 5, 11, 13, 17, ………∞
अभाज्य संख्या को अंग्रेजी में Prime Numbers कहते हैं।
अभाज्य संख्याएँ कैसे निकालते हैं
अभाज्य संख्या एक प्रकार की प्राकृतिक संख्या या परिमेय संख्या है जो दो या दो से अधिक होती है।
अभाज्य संख्या को 6n + 1 और 6n – 1 के रूप में लिखा जा सकता है।
जहाँ, n = 1, 2, 3, 4, 5, ………………………∞
जैसे:-
6 × 1 – 1 = 5
6 × 1 + 1 = 7
6 × 2 – 1 = 11
6 × 2 + 1 = 13
6 × 3 – 1 = 17
6 × 3 + 1 = 19
6 × 4 – 1 = 23
6 × 5 – 1 = 29
6 × 5 + 1 = 31
अभाज्य संख्या के गुणधर्म
- 0 और 1 अभाज्य संख्या नही है।
- 2 को छोड़कर सभी अभाज्य संख्याएँ विषम होती हैं।
- 1 बड़ी पूर्ण संख्याएँ अभाज्य संख्याएँ कहलाती है।
- अभाज्य संख्याएँ में केवल और केवल दो गुणनखंड होते है।
- अभाज्य संख्याएँ ज्ञात करने की विधि को गुणनखंड विधि कहते है।
- अभाज्य संख्याएँ हमेशा 0 और 1 से बड़ी होती है।
- 1 से बड़ी सभी अभाज्य संख्या 1 से विभाजित हो सकती है।
- अभाज्य संख्या 1 और स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से विभाजित नही हो सकती है।
- 1 से 100 तक अभाज्य संख्याएँ
0 और 1 अभाज्य संख्या नही होती अतः 1 से 100 तक के प्राकृत संख्या में केवल 25 अभाज्य संख्याएँ होती है। सबसे छोटी अभाज्य संख्या 2 होती है।
2 3 5 7 11 13 17 19 23 29 31 37 41 43 47 53 59 61 67 71 73 79 83 89 97
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