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राजस्थान एकीकरण (Rajasthan Ekikaran)
भारत मे एकीकरण के समय 562 रियासते थी जिनमे से राजस्थान में राजस्थान के एकीकरण के समय यहाँ 19 रियासते 3 ठिकाने थे। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों मे पूरा हुआ।जिसमें 8 वर्ष 7 माह 14 दिन का समय लगा। राजस्थान की सबसे पुरानी रियासत मेवाड़ थी। जिसकी स्थापनी गुहिल द्वारा की गई थी। एकीकरण से पहले राजस्थान में एक केंद्र शाषित प्रदेश मेरवाड़ा-अजमेर था।
प्रथम चरण – मतस्य संघ 17/18 मार्च, 1948
मतस्य संघ- 4 रियासते+1 ठिकाना
अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली + नीमराणा(अलवर)ठिकाना सिफारिश- के. एम. मुन्शी की सिफारिश पर प्रथम चरण का नाम मतस्य संघ रखा गया।
राजधानी- अलवर
राजप्रमुख- उदयमान सिंग(धौलपुर)
उपराज प्रमुख- गणेशपाल देव
प्रधानमंत्री- शोभाराम कुमावत
उपप्रधानमंत्री- गोपीलाल यादव + जुगल किशोर चतुर्वेदी
जुगल किशोर चतुर्वेदी को दुसरा जवाहरलाल नेहरू के उपनाम से जाना जाता है।
उद्घाटन कर्ता- एन. वी. गाॅडविल(नरहरि विष्णु गाॅडविल)
दुसरा चरण- पूर्व राजस्थान 25 मार्च 1948
पूर्व राजस्थान- 9 रियासतें + 1 ठिकाना
डुंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक, बुंदी, कोटा, झालावाड़ + कुशलगढ़(बांसवाड़ा)ठिकाना।
राजधानी- कोटा
राजप्रमुख- भीमसिंह(कोटा)
उपराज प्रमुख- महारावल लक्ष्मणसिंग
प्रधानमंत्री- गोकुल लाल असावा(शाहपुरा)
उद्घाटन कत्र्ता- एन. वी. गाॅडविल
तीसरा चरण- संयुक्त राजस्थान 18 अप्रैल, 1948
संयुक्त राजस्थान- पूर्व राजस्थान + उदयपुर -10 रियासतें + 1 ठिकाना
राजधानी- उदयपुर
राजप्रमुख- भोपालसिंग(उदयपुर)
भोपालसिंग एकमात्र राजा एकीकरण के समय अपाहिज व्यक्ति था।
उपराजप्रमुख- भीमसिंह
प्रधानमंत्री- माणिक्यलाल वर्मा
पं. जवाहरलाल नेहरू की सिफारिश पर बनाया।
उद्घाटन कर्ता- पं. जवाहरलाल नेहरू
चैथा चरण- वृहद राजस्थान 30 मार्च, 1949
वृहद राजस्थान- संयुक्त राजस्थान + जयपुर + जोधपुर + जैसलमेर + बीकानेर + लावा ठिकाना – 14 रियासत + 2 ठिकाने
राजधानी- जयपुर
श्री पी. सत्यनारायण राव समिती की सिफारिश पर।
महाराज प्रमुख- भोपाल सिंह
राजप्रमुख- मान सिंह द्वितीय(जयपुर)
उपराजप्रमुख- भीमसिंग
प्रधानमंत्री- हीरालाल शास्त्री
इस चरण में 5 विभाग स्थापित किये गये जो निम्न है।
1 शिक्षा का विभाग- बीकानेर
2 न्याय का विभाग- जोधपुर
3 वन विभाग- कोटा
4 कृषि विभाग- भरतपुर
5 खनिज विभाग- उदयपुर
उद्घाटन कत्र्ता- सरदार वल्लभ भाई पटेल
पांचवा चरण- संयुक्त वृहद् राजस्थान 15 मई, 1949
संयुक्त वृहद् राजस्थान – वृहद राजस्थान + सत्स्य संघ
सिफारिश- शंकरादेव समिति की सिफारिश पर मत्स्य संघ को वृहद राजस्थान में मिलाया गया।
राजधानी- जयपुर
महाराज प्रमुख- भोपाल सिंह
राजप्रमुख- मान सिंह द्वितीय(जयपुर)
प्रधानमंत्री- हीरालाल शास्त्री
उद्घाटन कत्र्ता- सरदार वल्लभभाई पटेल
छठा चरण- राजस्थान संघ 26 जनवरी, 1950
राजस्थान संघ- वृहतर राजस्थान + सिरोेही – आबु दिलवाड़ा
राजधानी- जयपुर
महाराज प्रमुख- भोपाल सिंह
राजप्रमुख- मानसिंह द्वितीय
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री- हीरालाल शास्त्री
26 जनवरी,1950 को राजपुताना का नाम बदलकर राजस्थान रख दिया।
26 जनवरी, 1950 को राजस्थान को ‘B’ या ‘ख’ श्रेणी का राज्य बनाया गया।
सतंवा चरण- वर्तमान राजस्थान 1 नवम्बर, 1956
वर्तमान राजस्थान- राजस्थान संघ + आबु दिलवाड़ा + अजमेर मेरवाड़ा + सुनेल टपा – सिरोज क्षेत्र
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की मानपुर तहसील का सुनेल टपा राजस्थान के कोटा जिले में मिला दिया तथा झालावाड़ का सिरोज क्षेत्र मध्यप्रदेश में मिला दिया गया।
सिफारिश- राज्य पुर्नगठन आयोग अध्यक्ष- फैजल अली
राज्य पुर्नगठन आयोग का गठन 1952 में किया गया और इसने अपनी रिपोर्ट 1956 में दी इसकी सिफारिश पर अजमेर-मेरवाड़ा आबु दिलवाड़ा तथा सुनेल टपा को राजस्थान में मिला दिया गया।इस आयोग में राजस्थान से एकमात्र सदस्य हद्यनाथ किजरन था।
राज्यपाल- गुरूमुख निहाल सिंह
मुख्यमंत्री- मोहनलाल सुखाडिया
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